Monday, November 17, 2014

चीन की भारत में आधिकारिक 'घुसपैठ' हैंड-इन-हैंड


पुणे में भारत और चीन की सेना के बीच दस दिन तक चलने वाला साझा युद्धभ्यास शुरू हो गया है. 'हैड-इन-हैंड' नाम का ये युद्भ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब खबर आ रही है कि चीनी सेना सीमा के करीब पाकिस्तानी सेना को ट्रैनिंग दी रही है.

गौरतलब है कि भारतीय सेना पहले इस युद्धभ्यास को पाकिस्तानी सीमा के करीब भटिंडा में कराना चाहती थी, लेकिन चीन ने ये कहकर साफ मना कर दिया था कि वो पाकिस्तानी सीमा से दूर इस युद्धभ्यास को करना चाहता है. इसके बाद पुणे के औंद्ध मिलेट्री स्टेशन का चयन किया गया जिसके बाद ही चीन इस युद्धभ्यास के लिए तैयार हुआ.

इस युद्धभ्यास का मकसद anti inaurgency और counter terrorism ऑपरेशन में दोनों देशों की साझा सेनाओं की क्षमता आंकना है ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय बना रहे. साथ ही दोनों सेनाएं एक दूसरे की युद्धकला से सीख ले सकें.

चीनी सेना की भारतीय सीमा में घुसपैठ की खबर तो लगातार आती रहती हैं. कभी चीनी सैनिक लद्दाख के दौलत-बेग-ओल्डी (डीबीओ) को अपनी जमीं बताकर वहां अपने टैंट गाड़कर बैठ जाते हैं तो कभी डेमचोक और चुमार में भारतीय सीमा में सड़क बनाने की जिद लेकर तंबू गाड़ लेतें हैं. सीमा पर भारतीय सैनिकों से नोंक-झोंक तो मानों रोजाना की बात हो गई है. ऐसे में अगर दोनों देशों की सेनाएं युद्धभ्यास के लिए तैयार हो जाती हैं तो बेहद हैरानी होती है.

दरअसल, दोनों देशों का मानने है कि अगर भारत और चीन की सेनाएं एक दूसरे के साथ इस तरह के युद्धभ्यास करेंगी तो दोनों के बीच ठीक समन्वय बैठाया जा सकता है. इससे सीमा पर होने वाली टकराव की स्थिति कम हो सकती है. लेकिन जानकारों की मानें तो जबतक दोनों देशों के बीच सीमा-विवाद नहीं सुलझ जाता है तबतक दोनों सेनाओं के बीच हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहेगी.
 
हैंड-इन-हैंड एक्सरसाइज में दोनों सेनाओं की एक-एक कंपनी हिस्सा लेंगी जिन्हे बटालियन-हेडक्वार्टर कंट्रोल करेगा. पहली बार इस युद्धभ्यास में भारतीय वायुसेना के हेलीकाॅप्टर भी हिस्सा लेंगे.
16 नंबम्बर को शुरु हुए इस युद्धभ्यास में 17नबम्बर को दोनों देशों के सीनियर सैन्य अधिकारी opening ceremony में हिस्सा लेंगे. 25 नबम्बर को मीडिया को साझा  युद्धभ्यास की कवरेज का मौका दिया जायेगा, लेकिन चीनी सेना के अधिकारी मीडिया से मुखातिब (इंटरव्यू/बाइट इत्यादी) नहीं होंगे. चीनी सेना का मानना है कि भारतीय मीडिया नाहक ही छिटपुट टकराव (सीमा-विवाद से जुड़ी खबरें) को सनसनीखेज खबरों में तब्दील कर देता है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच संबध ठीक नहीं हो पातें हैं. चीन का मानना है कि भारतीय मीडिया में ये सनसनीखेज खबरें बनानी की शुरुआत 1962 के युद्ध के ठीक पहले से शुरु हो गई थी.

'हैंड-इन-हैंड 2014' दोनों देशों के बीच चौथा युद्धभ्यास है. इससे पहले 2013 में ये मिलेट्री एक्सरसाइज चीन में हुई थी। इस साझा युद्धभ्यास की  शुरूआत 2007 में हुई थी जब ये चीन में आयोजित की गई थी-वर्ष 2008 में बेलगाम में हुई थी.
 

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