Thursday, December 8, 2016

21वीं सदी की 'निर्णायक' सैन्य साझेदारी !


भारत को 'प्रमुख रक्षा पार्टनर' घोषित करते हुए अमेरिका ने आज कहा कि दोनों देशों की सैन्य-साझेदारी 21वीं सदी की 'निर्णायक साझेदारी' सबित होगी. 

अमेरिका के रक्षा सचिव ऐश्टन कार्टर ने आज राजधानी दिल्ली में घोषणा की कि भारत अमेरिका का 'मेजर डिफेंस पार्टनर' है. कार्टर ने ये घोषणा आज राजधानी दिल्ली में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर से मुलाकात के दौरान की. अपने कार्यकाल के खत्म होने पर कार्टर मित्र-देशों की यात्रा पर निकले हैं. ये पहली बार है कि अमेरिका का कोई रक्षा सचिव अपनी फेरवेल-वीजिट पर भारत आया है.

मुलाकात के बाद दोनों देशों ने साझा-बयान ('ज्वाइंट स्टेटमेंट') जारी किया. साझा बयान में कहा गया कि दोनों देश इस बात पर ध्यान देंगे कि आतंकवाद को किसी भी देश (पढ़े पाकिस्तान) का सरंक्षण ना मिल पाए. साथ ही कहा गया कि दोनों देश आतंक के खिलाफ एक दूसरे का सहयोग करेगें.

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों देश एशिया-पैसेफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सम्पनता चाहते हैं.

पिछले दो सालो में कार्टर और पर्रीकर की ये सातवी मुलाकात है. मुलाकात के दौरान पर्रीकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच में जितने भी सैन्य समझौते पिछले दो सालों में हस्ताक्षर हुए हैं वे अब पूरे होने जा रहे है. पर्रीकर ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों की जो नींव कार्टर ने डाली है वो आने वाले समय में और बड़ी हो जायेगी. 

कार्टर रक्षा सचिव के पद पर अगले महीने तक हैं. अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप ने सेना के पूर्व वरिष्ठ षैन्य अधिकारी, जेम्स मैटिस को अपना रक्षा सचिव बनाने की घोषणा की है.

गौरतलब है कि हाल के समय में भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हुए हैं. अमेरिका भारत को अहम सैन्य साजों सामान मुहैया करा रहा है जिसमें एम-777 तोपें, मिलेट्री एयरक्राफ्ट, अटैक-हेलीकाॅप्टर और एयरक्राफ्ट-कैरियर से जुड़ी अहम तकनीक शामिल हैं. भारत ने अमेरिका से रक्षा तकनीक के लिए डीटीटीआई (डिफेंस टेक्नाॅलोजी एड ट्रेड इनीशियेटिव) नाम की संधि भी कर रखी है. हाल ही में दोनों देशों ने एक दूसरे के मिलेट्री-बेस को इस्तेमाल करने के लिए 'लेमोआ' (लाॅजिस्टिक एंड मेमोरेंडम एक्सचेंज एग्रीमेंट) समझौता भी किया है.

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