Wednesday, April 4, 2018

दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश का ठप्पा हटाने की जुगत में भारत!


दुनिया के सबसे बड़े हथियारों के आयातक देश का ठप्पा झेल रहा भारत अब हथियारों को निर्यात करने जा रहा है. इसके लिए जल्द ही रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक डिफेंस एक्सपर्ट एजेंसी का गठन किया जायेगा. साथ ही 11 अप्रैल से चेन्नई में होने जा रहे डिफेंस-एक्सपो में भी भारत अपने आप को सैन्य साजों-सामान के उत्पादन देश के बारे में दुनिया को दिखाने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अप्रैल को डिफेंस एक्सपो का विधिवत उद्घाटन करेंगे.

राजधानी दिल्ली में आज डिफेंस एक्सपो के लिए आयोजित प्रेस काफ्रेंस में रक्षा सचिव (उत्पादन) अजय कुमार ने बताया कि पिछले (बीते) साल भारत में करीब 55 हजार करोड़ रूपये के हथियारों और दूसरे सैन्य साजो-सामान का उत्पादन किया गया. जिनमें पनडुब्बियों से लेकर चेतक हेलीकॉप्टर, तेजस, सुखोई और जैगुआर फाइटर जेट्स और ब्रह्मोस, आकाश और पिनाका मिसाइल शामिल हैं. इसीलिए अब भारत अपने को हथियारों के उत्पादक और निर्यातक देश के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहता है. यहां तक की भारत की छोटी और मध्यम दर्जे की निजी कंपनियां भी बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियों को उनके उत्पादनों में मदद करती आई हैं. एक भारतीय कंपनी तो इजरायल को उसके हथियार बनाने में मदद करती है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कई देशों ने ब्रह्मोस सहित कई सैन्य प्लेटफार्मस को खरीदने की इच्छा जताई है. इसीलिए पहली बार डिफेंस एक्सपो की संकल्पना को बदल दिया गया है. अभी तक भारत में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में सिर्फ देश-दुनिया की आर्म्स कंपनियों को प्लेटफार्म दिया जाता था. लेकिन पहली बार चेन्नई में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो (11-14 अप्रैल) में भारत का अलग प्वेलियन होगा जिसमें भारत के सैन्य साजो-सामान को दर्शाया जायेगा.

गौरतलब है कि हाल ही में ग्लोबल एजेंसी, सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का आयतक देश है. माना जाता है कि दुनियाभर के आर्म्स ट्रेड का 12 प्रतिशत अकेला भारत ही करता है.

ये पहली बार है कि डिफेंस एक्सपो को चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है. पिछली बार डिफेंस एक्सपो को गोवा में आयोजित किया गया था. उससे पहली तक डिफेंस एक्सपो हमेशा दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा था. दो साल में एक बार होने वाला पहला डिफेंस एक्सपो 1999 में हुआ था

इस साल डिफेंस एक्सपो में देश-विदेश की 671 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं जिनमें 517 भारतीय हैं. जो देश इस साल हिस्सा ले रहे हैं वे हैं अमेरिका, इंग्लैंड, अफगानिस्तान, चेक गणराज्यस फिनलैंड, इटली, म्यांमार, नेपाल, कोरिया, सेशल्स और वियतनाम शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, चीन को भी डिफेंस एक्सपो में शिरकत के लिए न्यौता दिया गया था लेकिन अभी तक चीन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

इस साल डिफेंस एकस्पो में हिस्सा लेनी वाली विदेशी कंपनियों में गिरावट आई है। जहां इस साल कुल देश-विदेश की  617 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं वहीं 2016 में करीब 900 कंपनियों ने हिस्सा लिया था।
जानकारी के मुताबिक, इस साल शिरकत करने वाली स्वदेशी कंपनियों में बढ़ोत्तरी हुई है। माना जा रहा है कि इस बार करीब 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिव रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक ये गिरावट मात्र 10 प्रतिशत है क्योंकि विदेशी 
कंपनियों अपने-अपने देश के पवैलियन में अपने स्टॉल लगा रही हैं। जबकि इससे पहले तक वे स्टॉल लगाती थीं।

डिफेंस एकस्पो के दौरान दक्षिण कोरिया के साथ भारत का एक साझा कमीशन बनाया जायेगा और रशिया के साथ सैन्य-उद्दोग सहयोग पर एक बड़ा करार किया जायेगा.

इस बार डिफेंस एक्सपो में थलसेना, वायुसेना और नौसेना का पॉवरप्ले डेमो भी देखने को मिलेगा.

No comments:

Post a Comment