Wednesday, February 15, 2017

कश्मीर में आतंकियों की मदद करने वालों पर गोली चलाने से नहीं हिचकिचाएंगे: सेना प्रमुख


कश्मीर में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम मोदी ने हालात पर जताई चिंता तो सेना प्रमुख ने कहा आतंकियों की मदद करने वालों पर गोली चलाने से भीें नहीं हिचकिचाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कश्मीर में शहीद हुए सैनिकों को दिल्ली एयरपोर्ट के टेक्निकल एरिया में श्रद्धांजलि अर्पित की. दरअसल पीएम उत्तर प्रदेश की एक चुनावी रैली से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच रहे थे.  लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि मंगलवार को कश्मीर घाटी में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों के पार्थिव शरीर पालम टेक्निकल एरिया पहुंच रहे हैं,  वे भी सीधे वहां पहुंच गए और सैनिकों के पार्थिव शरीर पर फूल अर्पित किए.  इस दौरान उन्होनें वहां मौजूद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से कश्मीर के हालत पर बातचीत की और सैनिकों की मौत पर चिंता जताई.

शहीद हुए तीन सैनिकों के शव उनके पैतृक घर पहुंचने से पहले आज सेना प्रमुख को शाम चार बजे पालम टेक्निकल एरिया पर श्रद्धांजलि अर्पित करनी थी. इसी दौरान पीएम मोदी का प्लेन भी लैंड करने वाला था. पीएम को वहां से सीधे अपने ऑफिस जाना था. शहीदों को श्रद्धांजलि देना उनके तयशुदा कार्यक्रम में मौजूद नहीं था.  बावजूद इसके वे शहीदों को नमन करने के लिए वहां पहुंच गए. श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होनें सेना प्रमुख से वहां पर कुछ मिनटों तक बातचीत की. इस दौरान पीएम काफी चिंतित नजर आए.

बाद में मीडिया से बातचीत में सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होनें अपनी बातचीत में पीएम से साफ कर दिया है कि वे कश्मीर में अमन शांति चाहते हैं लेकिन अगर वहां कि नौजवान इसके आड़े आएं तो सेना उनके खिलाफ कड़ी कारवाई करने सो भी नहीं हिचकिचाएगी.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना के पास "सिर्फ बंदूक होती है" इसलिए वे उपद्रवी भीड़ पर गोली चलाने में भी नहीं पीछे हटेंगे. उन्होनें कहा कि सुरक्षाबलों के आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने वाले और आतंकवादियों को मौके से भगाने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा. उन्होनें कहा कि वे "आज तो बच सकते हैं लेकिन कल उन्हें नहीं छोड़ा जायेगा." सेना प्रमुख ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर का जो भी युवक बंदूक उठायेगा उसे "राष्ट्र-द्रोही# ही माना जायेगा. उन्होनें कहा कि जो भी नौजवान एंटी-टेरर ऑपरेशन में बाधा पहुंचाएगा, पाकिस्तान या फिर आईएसआईएस का झंडा फहराएगा उसे आतंकियों का "ओवर ग्राउंड वर्कर" (ओजीडब्लू)  माना जायेगा. सेनाध्यक्ष के मुताबिक जो युवक कल तक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते थे वे ही आज हिंसा फैला रहे हैं.

सेना प्रमुख के ये कड़े बोल कल कश्मीर के हंडवारा और  बांदीपुरा में आतंकियों स अलग अलग हुई मुठभेड़ के बाद आए हैं. इन दोनों एनकाउंटर में लश्कर के चार आतंकी मारे गए और चार जवान शहीद हो गए. जबकि सीआरपीएफ के एक कमांडेंट समेत आधा दर्जन जवान घायल हो गए थे. दोनों ही एनकाउंटर के दौरान स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर जमकर पथराव किया था. यही नहीं स्थानीय लोगों की मदद से कुछ आतंकी भागने में भी कामयाब हो गए थे.

सेना प्रमुख ने खुद ये बात कबूल की कि स्थानीय लोग सुरक्षाबलों के ऑपरेशन्स को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने के चलते ही जवान भी ज्यादा शहीद हो रहे हैं.

कल बांदीपुरा के हसीन में हुई मुठभेड़ में लश्कर का एक कमांडर मारा गया था,  जबकि तीन जवान शहीद हो गए थे. इसके कुछ घंटे बाद ही हंडवारा में हुए एनकाउंटर में राष्ट्रीय राईफल्स यानी आरोप के मेजर सतीश दहिया शहीद हो गए थे. इन चार में से ही तीन सैनिकों के पार्थिव शरीर आज दिल्ली पहुंचे थे.  एक शहीद जम्मू कश्मीर के ही सांबा के रहने वाले थे.  उनके शव को जम्मू से ही सीधे उनके पैतृक घर भेज दिया गया था. मेजर सतीश दहिया हरियाणा के नारनौल के रहने वाले थे.  जबकि बाकी दो जवान उत्तर प्रदेश के जौनपुर और नैनीताल के रहने वाले थे.

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