Wednesday, May 2, 2018

शी-मोदी की मुलाकात से सुधरेंगे सैन्य संबंध !


हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हुई एतेहासिक मुलाकात का असर दोनों देशों के सैन्य संबंधों पर दिखने लगा है। दोनों देश विवादित सीमा पर 'कोर्डिनेटेड पैट्रोलिंग' के लिए तैयार हो गए हैं। इसके मायने ये हैं कि अब जब भी किसी विवादित इलाके में दोनों सेनाओं की टुकियां गश्त लगाने जाएंगी तो पहले दूसरे देश के स्थानीय कमांडरों को इसकी सूचना दे दी जायेगी।

सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में कई बार वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच तीखी नोंकझोंक और झड़प भी देखने को मिली हैं। इसलिए इस बात का फैसला लिया गया है कि अब विवादित क्षेत्रों में गश्त की जानकारी पहले से ही दूसरे देश के स्थानीय कमांडरों को दे दी जायेगी। इससे फेसऑफ यानि गतिरोध और झड़प पर रोक लग सकेगी।

इसके अलावा अब जो भी कोई सीमा विवाद होगा उसे 2003 में दोनों देशों के बीच हुई संधि के जरिए सुलझा़ा जायेगा।

सूत्रों के मुताबिक, ये कदम शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के बाद उठाए गए हैं। इसके अलावा दोनों देशों के डीजीएमओ के बाद जल्द ही हॉटलाइन स्थापित की जायेगी ताकि सीमा पर स्थानीय स्तर पर हुए विवाद को बढ़ने ना दिया जाए और उसे समय रहते 'टॉप लेवल' पर सुलझा लिया जाए।

इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाले सालाना युद्धभ्यास को फिर से इस साल शुरू किया जायेगा। हैंड इन हैंड नाम के इस युद्धभ्यास को डोकलाम विवाद के बैद रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा जल्द ही दोनों देशों की सेनाएं रशिया में एससीओ देशों की होने वाली एक्सरसाइज में एक साथ कदमताल करती दिखेंगी।

इस बीच आज दोनों देशों की सेनाएं के बीच लद्दाख के चुशुल में बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग यानि बीपीएम का आयोजन किया गया। दोनों देशों के स्थानीय कमांडरों की मीटिंग के साथ साथ एक रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन गया। अरूणाचल प्रदेश से सटे चीन के वाचा में भी दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने एके दूसरे से गिफ्ट-एक्सचेंज किए। 1 मई यानि लेबर डे को चीन में राष्ट्रीय पर्व माना जाता है। इसी के उपलक्ष्य में दौनों देशों की सेनाएं सीमा पर एक दूसरे से मीटिंग करती हैं। 

No comments:

Post a Comment