Friday, May 25, 2018

आखिर क्यों हुई मेजर गोगोई के खिलाफ जांच !


सेना के तेजतर्रार लेकिन विवादित ऑफिसर, मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ सेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश श्रीनगर के एक होटल में एक महिला के साथ जाने और वहां पर होटल स्टॉफ के साथ कहासुनी के आरोप में दिया है.

सेना ने बयान जारी करते हुए कहा है कि मेजर गोगोई के खिलाफ “जांच पूरी होने के बाद जरूरी कारवाई की जायेगी.” खुद थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने अपने कश्मीर दौरे के दौरान आज ऐलान किया कि अगर मेजर गोगोई के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जायेगी.

आपको बता दें कि बुधवार को मेजर लीतुल गोगोई उस वक्त विवादों में फंस गए थे जब श्रीनगर के होटल ममता में वे एक कश्मीरी लड़की के साथ पाए गए थे. होटल स्टॉफ के साथ उनकी और उनके साथ आए समीर नाम के एक शख्स की इसलिए कहासुनी हो गई थी क्योंकि होटल के कमरे में कश्मीरी लड़की को ले जाने से मना कर दिया था.

दरअसल, मेजर गोगोई ने श्रीनगर के डलगेट के करीब स्थित होटल ममता में ऑनलाइन एक डीलक्स कमरा बुक किया था. 23 मई की सुबह करीब साढ़े 10 बजे वे होटल के रिसेप्शन पर पहुंचे थे. वहीं पर उन्होनें अपना ड्राइविंग लाईसेंस दिखाकर चैक-इन किया था. सीसीटीवी फुटेज में वो सिर पर एक कैप लगाए दिख रहे हैं. लेकिन उनके कमरे में जाने के तुंरत बाद उनके साथ आए एक ड्राइवर और एक कश्मीरी लड़की ने कमरे में जाने की कोशिश की तो होटल स्टाफ ने उन्हें इसलिए कमरे में जाने से मना कर दिया क्योंकि उनके होटल में स्थानीय कश्मीरियों को जाने की मनाही है. इस बात को लेकर होटल स्टॉफ का मेजर गोगोई के साथ आए ड्राइवर समीर की कहासुनी हो गई. बताया जा रहा है कि मेजर गोगोई ने भी होटल स्टॉफ को बुराभला कहा था. जिसके बाद होटल मैनजेमेंट ने फोन कर पुलिस को बुला लिया था. पुलिस अपने साथ मेजर गोगोई, लड़की और ड्राइवर को थाने ले गई थी. जिसके बाद तीनों के बयान दर्ज किए गए थे. कश्मीर के आईजी ने इस मामले में एक एसपी रैंक के अधिकारी को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. बयान के बाद मेजर गोगोई को उनकी यूनिट में वापस भेज दिया गया था.

मेजर गोगोई वहीं अधिकारी हैं जिसने पिछले साल (9 अप्रैल 2017) को एक कश्मीरी को अपनी जीप के बोनट के आगे बांध दिया था. जीप पर बंधे हुए कश्मीरी की फोटो देश-विदेश में वायरल हो गई थी. मेजर गोगोई का तर्क था कि बड़गाम में एक पोलिंग बूथ पर जमकर पत्थरबाजी हो रही थी. मेजर गोगोई अपने जवानों के साथ वहां पहुंचे और पोलिंग अधिकारियों को वहां से सुरक्षित निकाल कर ले आए.  लेकिन उसके लिए उन्होनें एक कश्मीरी (जिसे पत्थरबाज बताया गया था) उसे अपने जीप के आगे बांध दिया था ताकि पत्थरबाज पोलिंग पार्टी पर पत्थर ना मार सके. उनकी इस कार्यशैली (और कार्यवाही) को लेकर काफी निंदा हुई थी (कि उन्होनें मानवधिकार का उल्लंघन किया है). लेकिन उस वक्त थलसेना प्रमुख ने उन्हें ‘चीफ कमंडेशन’ अवार्ड से सम्मानित करते हुए कहा था कि जिन परिस्थितियों में मेजर गोगोई ने पोलिंग अधिकारियों को भीड़ और पत्थरबाजों से बचाया था वही सबसे सही रास्ता था (क्योंकि अगर गोली चलाई जाती तो काफी लोगों की जान पर बन सकती थी). यानि सेना प्रमुख ने ना केवल उनका बचाव किया था बल्कि उनके कार्यवाही को पूरी तरह से सही बताया था.

लेकिन अब ठीक एक साल बाद मेजर गोगोई फिर से विवादों में फंस गए हैं. वो इनदिनों श्रीनगर के करीब बड़गाम में सेना की राष्ट्रीय राईफल्स (यानि आरआर) की 53 आरआर यूनिट में तैनात हैं. वे यहां पर कंपनी कमांडर के तौर पर तैनात हैं. असम के तिनसुकिया के रहने वाले मेजर गोगोई एक जवान के तौर सेना में शामिल हुए थे.  लेकिन बाद में उन्होनें सेना का एक आंतरिक एग्जाम क्वालीफाई किया और आर्मी कैडेट कॉलेज से पास होकर लेफ्टिनेंट के पद पर पहुंच गए. हालांकि उनकी तैनाती सेना में सर्विस कोर में हुई थी, लेकिन कॉम्बेट रोल के लिए वे सिख रेजीमेंट में चले गए और फिर कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए राष्ट्रीय राईफल्स में चले गए.

अब सवाल ये है कि वे जब बड़गाम में तैनात थे तो श्रीनगर के होटल में क्यों रूकने आए थे. हालांकि सेना ने इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा है लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वे इनदिनों छुट्टी पर थे. छुट्टी खत्म होने से ठीक पहले वे श्रीनगर पहुंच गए और होटल ममता में रूकने आ गए.

दूसरा सवाल ये है कि वो लड़की और ड्राइवर उनसे मिलने होटल में क्यों आए थे. हालांकि सेना ने अभी तक कुछ साफ नहीं कहा है क्योंकि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं जो इन सभी सवालों के जवाब ढूंढेगी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, लीटुल गोगोई ने अपने अधिकारियों को बताया है कि वो लड़की बड़गाम की ही रहने वाली है और उनकी ‘सोर्स’ यानि मुखबिर थी. क्योंकि वे उससे बड़गाम में नहीं मिल सकते थे इसलिए श्रीनगर के होटल में मिलने के लिए बुलाया था.

कश्मीर घाटी में कई बार आतंकियों के खिलाफ बड़े इनपुट स्थानीय लड़कियों ने ही पुलिस और सेना को दिया है. लेकिन क्या ये लड़की वाकई मेजर गोगोई की सोर्स थी या नहीं ये सब जांच के बाद ही साफ हो पायेगा. 

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