Monday, April 11, 2016

अमेरिकी राष्ट्रगान का मुंबई कनेक्शन: कार्टर को पर्रिकर का गिफ्ट !

पर्रिकर की कार्टर को भेंट: एचएमएस मिन्डेन का मॉडल
भारत की यात्रा पर आए अमेरिका रक्षा सचिव (मंत्री) ऐश्टन कार्टर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में कल रात अपने प्राईवेट डिनर में उस ‘एचएमएस-मिन्डेन’ जहाज का मॉडल भेंट-स्वरुप पेश किया जिसपर 19 वी सदी में अमेरिका का राष्ट्रगान लिखा गया था. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस जहाज का निर्माण मुंबई में हुआ था. यानि अमेरिका के राष्ट्रगान का भारत कनेक्शन भी है. शायद यही वजह है कि इनदिनों भारत और अमेरिका बेहद करीब आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बराक ओबामा की दोस्ती तो दुनिया जानती है. लेकिन अब अमेरिका के रक्षा सचिव भी मनोहर पर्रिकर के मुरीद हो गए हैं.

दरअसल, अपनी तीन दिनों के भारत दौरे पर आए अमेरिका के रक्षा सचिव, ऐश्टन कार्टर सीधे गोवा पहुंचे. गोवा यानि भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का गृह-राज्य. खुद मनोहर पर्रिकर ने ऐश्टन कार्टर को पहले गोवा आने का निमंत्रण दिया था. क्योंकि रक्षा मंत्री ऐश्टन कार्टर को अपना शहर गोवा तो दिखाना चाहते ही थे, उन्हे गोवा के करीब कारवार में भारतीय नौसेना के बेस भी ले जाना चाहते थे जो कि सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. यहीं पर दोनों देशों के रक्षा मंत्री सोमवार को भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य पर पूरा दिन बिताने वाले हैं.

लेकिन उससे पहले रविवार की रात को गोवा में मनोहर पर्रिकर ने अपने रात्रि-भोज के दौरान ऐश्टन कार्टर को भेंट किया ‘एचएमएस-मिन्डेन’ जहाज का रेप्लिका. ये वही जहाज है जिस पर 1814 में अमेरिका के एक वकील जेम्स स्कॉट-की ने प्रसिद्ध गीत, ‘स्टार स्पेंगल्ड बैनर’  लिखा था. बाद में ये गीत का अमेरिका का राष्ट्रगान बन गया.

पूरी कहानी कुछ यूं हैं. आज से करीब 215 साल पहले यानि 1801 में ‘एचएमएस-मिन्डेन’ युद्धपोत का निर्माण ब्रिटेश नेवी ने मुंबई (उस वक्त 'बांम्बे') डॉकयार्ड में कराया था. मुंबई के इस डॉकयार्ड को अब मझगांव डाकयार्ड के नाम से जाना जाता है. 1812 में जब ब्रिटेन और अमेरिका में युद्ध हुआ तो ब्रिटेश रॉयल नेवी ने अपने इसी जहाज, ‘एचएमएस-मिन्डेन’ को अमेरिका पर हमला करने के लिए कूच किया था. 
एचएमएस मिन्डेन का मॉडल भी मुंबई डॉकयार्ड में हुआ तैयार
इस युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने अमेरिका के एक वकील जेम्स स्कॉट-की को युद्ध-बंदी बना लिया और इसी जहाज पर कैद करके रखा गया. बताते हैं कि ‘एचएमएस-मिन्डेन’ ने रात भर तोपों और बंदूकों से अमेरिका के एक किले पर गोलाबारी की. लेकिन जब सुबह हुई तो जेम्स स्कॉट ने देखा कि किले के ऊपर अमेरिका का झंडा (स्टार वाला झंडा) ज्यों का त्यों फहर रहा है. उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है. बस इसी स्टार-झंडे को देखकर जेम्स स्कॉट ने ‘एचएमएस-मिन्डेन’ पर ही ‘स्टार स्पेंगैल्ड बैनर’ गीत की रचना की. ये 1814 का साल था. इसी स्टार स्पेंगैल्ड रचना को 1931 में अमेरिका का राष्ट्रगान घोषित कर दिया गया. इसी लिए ये गीत सभी अमेरिकी-वासियों की तरह ऐश्टन कार्टर के भी बेहद करीब है.

रविवार को जिस ‘एचएमएस-मिन्डेन’ का मॉडल रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने ऐश्टन कार्टर को पेश किया, उसे भी मझगांव डॉकयार्ड में तैयार कराया गया है. यानि मॉडल को भी उसी डॉकयार्ड में तैयार कराया गया जहां ऑरिजनल ‘एचएमएस-मिन्डेन’ ब्रिटिश रॉयल नेवी के लिए तैयार हुआ था.   

अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) ऐश्टन कार्टर भारत यात्रा के पहले दिन (10 अप्रैल को) मनोहर पर्रिकर के गृह-राज्य गोवा में मंदिर और चर्च के दर्शन कए . उसके बाद दोनो रक्षा मंत्री गोवा में आए अमेरिका के युद्धपोत 'ब्लू-रिज़' पर पहुंचे. अगले दिन यानि सोमवार को गोवा के करीब कारवार में भारत के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर पहुंचंगे. कार्टर 10-12 अप्रैल तक भारत की यात्रा पर रहेंगे.
नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य पर अमेरिका रक्षा मंत्री
अगले दिन यानि 12 अप्रैल को दिल्ली पहुंचने पर साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. साझा बयान जारी किया जायेगा. अमेरिका भारत से लाॅजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट (एलएसए) यानि भारत के मिलेट्री-बेस इस्तेमाल करने सहित कई मुख्य सैन्य-समझौते करना चाहता है. लेकिन भारत को एलएसए के मौजूदा स्वरूप पर ऐतराज है. भारत इसे सिर्फ शांति के समय में इस्तेमाल करने देना चाहता है