Sunday, December 23, 2018

हिंद महासागर की सुरक्षा: भारत की बड़ी अंतर्राष्ट्रीय पहल

गुरूग्राम स्थित आईएफसी-आईओआर

मुंबई हमले‌ के दस साल बाद भारत ने समंदर में संदिग्ध गतिविधियों पर लगाम लगाने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहल की है। भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर की सुरक्षा के लिए राजधानी दिल्ली के करीब गुरूग्राम में एक बहुराष्ट्रीय इंफोर्मेशन फ्यूजन सेंटर स्थापित किया है। इस सेंटर में हिंद महासागर की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा की जायेगी और फिर हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को भेजी जायेगी।

आज नौसेना प्रमुख की मौजूदगी में  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 'आईएफसी-आईओआर' सेंटर का उद्धाटन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में कई देशों के राजदूत और मिलिट्री अटै्चे मौजूद थे।

इस फ्यूजन सेंटर का मकसद हिंद महासागर क्षेत्र में आतंकवाद, समुद्री लुटेरो, ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग पर लगाम लगाना है। इस मौके पर बोलते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि आज के समय में नॉन-स्टेट एक्टर्स यानि आतंकी संगठनों पर काबू पाना बेहद जरूरी है जो विश्व-शांति के लिए बड़ा खतरा हैं।

भारतीय नौसेना के मुताबिक, इस‌ फ्यूजन सेंटर के लिए हिंद महासागर‌ क्षेत्र के कुल 36 देशों की नौसेनाओं के साथ करार किया जा रहा है। इनमे से 12 देशों के साथ ये करार लागू किया जा चुका है और‌ उनके साथ समंदर की सुरक्षा को लेकर जानकारी साझा करना आज से ही शुरू हो जायेगा। इससे अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, फारस की खाड़ी, अदन की खाड़ी जैसे समंदर में कोई भी संदिग्ध जहाज या बोट दिखाई पड़ती है तो सदस्य देशों की नौसेनाओं कोइसके बारे में जानकारीदे दी जायेगी और जिस नौसेना का युद्धपोत या फिर नेवल बेस करीब होगा वो उसके खिलाफ जरूरी कारवाई करेगा।

भारत‌ इस‌ तरह का मल्टीलेटर्ल सेंटर बनाने वाला चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। अभी तक इस तरह के सेंटर्स सिंगापुर, मेडागास्कर और यूरोपीय यूनियन के तत्वाधान में मैडेटेरियन सी यानि भूमंडलीय सागर में पहले से ही स्थापित हैं।

आपको बता दें कि गुरूग्राम में भारतीय नौसेना का पहले से ही 'आईमैक' यानि इंफोर्मेशन मैनेजमेंट एंड एनेलसिस सेंटर है जो एक समय में ही हिंद महासागर से गुजरने वाले करीब 72 हजार जहाजों पर निगरानी रखता है। क्योंकि हिंद महासागर क्षेत्र बेहद बड़ा है और अकेली भारतीय नौसेना के लिए‌ इतने बड़े समंदर की सुरक्षा करना बेहद मुश्किल होता है, इसलिए अब इसी आईमैक‌ सेंटर में ही 'आईएफसी-आईओआर' स्थापित किया गया है।
जल्द ही सदस्य देशों के नेवल ऑफिसर्स और‌ लाईजेनिंग-ऑफिसर्स यहां तैनात होंगे।

हालांकि, इस‌ आईमैक सेंटर से दुनिया के किसी भी कोने से गुजर रहे जहाज पर भी नजर रखी जा सकती है। लेकिन आईएफसी-आईओआर फिलहाल हिंद महासागर से गुजरने वाले कामर्शियल, कार्गो और ऑयल-टैंकर जहाजों ('वाइट शिपिंग) पर ही नजर रखने का काम करेगा। ग्रे-हल्स यानि
युद्धपोतों पर ये निगरानी नहीं रखता है।‌

आकंडें बताते हैं कि हिंद महासागर से दुनिया के एक-तिहाई शिप गुजरते हैं और कंटेनर-शिप्स‌ का हिस्सा लगभग‌ पचास प्रतिशत है। साथ ही तेल और‌ पैट्रोलियम का करीब दो-तिहाई‌ कारोबार‌ यहीं से होकर गुजरता है।‌

मुंबई के 26/11 हमले के बाद समंदर में घूमने वाले सभी बड़े जहाज और बोट्स की निगरानी के लिए आईमैक सेंटर की स्थापना की गई थी। मुंबई पर हमला करने वाले आतंकी समंदर के रास्ते ही देश की सीमा में दाखिल हुए थे।

गौरतलब है कि आईमैक सेंटर से भारत कीकरीब चार हजार किलोमीटर लंबी कोस्टलाइन यानि तटों और हिंद महासागर से गुजरने वाले सभी कॉमर्शियल जहाजों पर निगरानी रखी जाती है। ये निगरानी, तटो पर लगे सीसीटीवी, जहाज पर लगे आईएएस यानि ऑटोमैटिक इंटीग्रेटड सिस्टम, कोस्ट-गार्ड और नेवी के 51 रडार स्टेशन सहित सैटेलाइट के जरिए निगरानी रखी जाती है।