Friday, March 24, 2017

सैन्य साजो-सामान निर्यात करने के लिए तैयार है भारत

रक्षा मंत्री अरूण जेटली डीआरडीओ के सोनार सिस्टम का निरीक्षण करते हुए

भारत ने अब सैन्य साजो सामान का निर्यात करना शुरू कर दिया है. पहली बार भारत म्यामांर को टोरपीडो और युद्धपोत में इस्तेमाल होने वाले सोनार सिस्टम देना जा रहा है. इस बारे में आज डीआरडीओ ने रक्षा मंत्री अरूण जेटली को म्यांमार के साथ हुए समझौते की कॉपी सौंपी.

अभी तक भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियारों के आयातक के तौर पर जाना जाता है. लेकिन अब भारत ने स्वदेशी सैन्य सामानों को निर्यात करना शुरु कर दिया है. ऐसे तीन (03) सोनार सिस्टम भारत म्यांमार को दे रहा है, जिनकी कुल कीमत करीब 180 करोड़ है. म्यांमार इन सोनार को अपने उंग-ज़ेया क्लास के वॉरशिप के लिए भारत से खरीद रहा है.

भारत म्यांमार को डीआरडीओ द्वारा निर्मित डायरेक्ट गियर सोनार-एैरे  दे रहा है. ये सोनार युद्धपोत के निचले हिस्सों में लगाया जाता है.  ये सोनार समंदर में दुश्मन के  युद्धपोत, पनडुब्बी और टोरपीडो का पता लगाने में कारगर साबित होता है. ये दुश्मन के युद्धपोत, पनडुब्बी और टोरपीडो की साउंड यानिआवाज से ही पता लगा लेती है. जिससे समय रहते उन्हें युद्धपोत के करीब आने से पहले ही नेस्तानबूत किया जा सकता है.
म्यांमार पहला देश है जिसे भारत टोरपीडो और सोनार निर्यात कर रहा है
इसके अलावा डीआरडीओ द्वारा डिजायन किए गए टोरपीडो का एक्सपोर्ट-करार भी म्यांमार से किया गया है. इस समझौते की कीमत 37.90 मिलियन डॉलर है. ये टोरपीडो एलएंडटी और बीडीएल मिलकर म्यांमार को लिए तैयार करेंगे.

डीआरडीओ ने इन एैरे-सोनार का उत्पादन शुरू कर दिया है. आज रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने इस सोनार सिस्टम को नौसेना के हवाले कर दिया. नौसेना कुल दस (10) सिस्टम डीआरडीओ से खरीद रहा है.

आज डीआरडीओ भवन में हुए एक समारोह में रक्षा मंत्री  ने भारत में तैयार हुए 'ऊषस-2' सोनार सिस्टम को नौसेना प्रमुख अनुपल सुनी लांबा को सौंपी. ये सोनार सिस्टम पनडुब्बियों में लगाया जाता है. हाल ही में आई हिंदी फिल्म, 'द गाज़ी अटैक' में दिखाया गया था कि किस तरह से सोनार की मदद से भारतीय पनडुब्बी पाकिस्तान की गाज़ी नाम की सबमोरिन का पता लगाकर समंदर के नीचे ही मार गिराती है.
शिप नेवीगेशन सिस्टम

इसके अलावा डीआरडीओ ने युद्धपोतों के नेवीगेशन-सिस्टम बनाने का गौरव भी प्राप्त कर लिया है. अभी तक इस तकनीक को मात्र चार (04) देश ही अबतक बनाते थे. बाकी सभी देश इन चार देशों से अपने समुद्री जहाजों को चलाने के लिए इन चार देशों पर ही निर्भर रहते थे. ये चार देश हैं अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और इजरायल. भारत पांचवा ऐसा देश है जिसने ये 'इनर्शियल नेवीगेशन सिस्टम फॉर शिप एप्लीकेशन' यानि आईएनएसए बनाने की महारत हासिल की है.


पाकिस्तान से हुआ तेज बहादुर का फोटो वायरल, सेना प्रमुख ने कहा टेक्नोलॉजी के साथ करो कदम-ताल

राजधानी दिल्ली में आयोजित मिलेट्री-कम्युनिकेशंस सम्मेलन, डेफकॉम
साईबर-हमलों और सोशल मीडिया पर दुश्मन का सामना करने के लिए सेना को टेक्नोलॉजी के साथ कदम-ताल करने की जरुरत है. क्योंकि टेक्नोलॉजी आज के समय में बेहद तेजी से बदल रही है. ये मानना है थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का. थलसेनाध्यक्ष के मुताबिक, हमारे जैसे देश को लगातार गैर-पारंपरिक युद्धों को झेलना पड़ेगा.

जनरल बिपिन रावत आज मिलेट्री-कम्युनिकेशन पर आयोजित सेना की सिग्नल कोर और सीआईआई के साझा सम्मलेन, डेफकॉम में बोल रहे थे. जनरल रावत का ये बयान उसदिन आया है जब बीएसएफ के जवान तेजबहादुर की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि तेज बहादुर की इस फर्जी तस्वीर को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से जारी किया गया है. ये तस्वीर किसी के शव की है जिसे तेज बहादुर का बताकर वायरल किया जा रहा है. बीएसएफ पहले ही इस तस्वीर को फर्जी करार दे चुका है.

बीएसएफ के प्रवक्ता के मुताबिक, जवान तेज बहादुर "पूरी तरह से स्वस्थ और ठीक है." एक 'प्रोपेगेंडा' के तहत तेज बहादुर की फर्जी तस्वीर को वायरल किया जा रहा है.

दरअसल जिस शव को तेजबहादुर का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है वो दरअसल सीआरपीएफ के एक एएसआई, एच बी भट्ट का है जो 11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों के हमले में शहीद हो गए थे. इस हमले में सीआरपीएफ के कुल 12 जवान और अधिकारी शहीद हुए थे. भ्रामक प्रचार करने वाले पाकिस्तानी ट्वीटर एकाउंट ने सीआरपीएफ के शहीद के फोटो को तेज बहादुर का बताकर वायरल करने की कोशिश की.
सीआरपीएफ के शहीद एएसआई एच बी भट्ट

सम्मेलन में बोलते हुए सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि हम पसंद करें या ना करें लेकिन सोशल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है. उन्होनें कहा कि साईबर-अटैक हमें लगातार परेशान करते रहेंगे. क्योंकि दुश्मन डिजीडाईजेशन और तकनीक का पूरा फायदा उठा रहा है.

थलसेनाध्यक्ष ने कहा कि आज के समय में तकनीक इतनी तेजी से बदल रही है कि जबतक हमतक  पहुंचती है वो पुरानी हो चुकी होती है. इसलिए बेहद जरुरी है कि हम इस बात की पहचान करें कि हमें कौन सी तकनीक और सैन्य साजों-सामान की जरुरत है. उनके ट्रायल को भी बहुत लंबा ना खींचें और समय रहते जरूरी साजों-सामान खरीद लिया जाए.

रक्षा राज्यमंत्री डाक्टर सुभाषराव भामरे की उपस्थिति में जनरल बिपिन रावत ने ये भी कहा कि हमें सरहद पर होने वाले पारंपरिक-युद्ध के लिए भी तैयार रहेना होगा.

Tuesday, March 21, 2017

हमारे लिए पीओके भी जम्मू-कश्मीर है: सर्जिकल स्ट्राइक हीरो

सर्जिकल स्ट्राइक के नायक मेजर रोहित सूरी सम्मानित

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले सेना के दो (02) शूरवीरों को आज वीरता मेडल से नवाजा गया. राष्ट्रपति भवन में हुए रक्षा अंलकरण समारोह में राष्ट्रपति ने दोनों को कीर्ति चक्र और शोर्य चक्र से नवाजा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तीनों सेनाओं के प्रमुख सहित कई गणमान्य मौजूद थे.

सर्जिकल स्ट्राइक में हिस्सा लेने वाली एक टीम का नेतृत्व करने वाले मेजर (रोहित सूरी) को कीर्ति चक्र से नवाजा गया है. मेडल देने के समय प्रशस्ति-पत्र पढ़कर सुनाया गया. बताया गया कि 'मेजर रोहित सूरी उस दल के मिशन लीडर थे जिसे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों  पर कार्रवाई करने का कार्य सौंपा गया था.' धर्मयुद्ध के पास प्रशस्ति-पत्र की कॉपी है.

जैसै ही मेजर रोहित सूरी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कीर्ति मेडल से अलंकृत किया, समारोह में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दूसरे गणमान्य व्यक्तियों ने जोरदार ताली की गड़गड़हाट से उनका सम्मान किया.

'मेजर रोहित सूरी ने अपनी निर्णायक सोच पेशेवर दृष्टिकोण, योद्घा स्वभाव, अनुकरणीय नेतृत्व तथा कर्तव्य से ऊपर उठकर अपने साहस से कार्य का क्रियान्वयन परिपूर्ण रूप से सुनिश्चित किया औऩर निकट मुठभेड़ में चार आतंकवादियों का सफाया कर दिया.'

मेजर रोहित सूरी सेना की स्पेशल फोर्स की चौथी बटालियन में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं.

प्रशस्ति पत्र में ना तो सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया गया है और पीओके की जगह 'जम्मू-कश्मीर' लिखा गया है. उस बारे में जब एबीपी न्यूज ने इस ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी से कारण पूछा तो उन्होनेें कहा कि हमारे लिए (पीओके) पूरा जम्मू-कश्मीर है."
नायब सूबेदार विजय कुमार को सम्मानित करते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

सम्मानित होने वालों में नायब सूबेदार विजय कुमार भी शामिल थे. 'विजय कुमार उस हमलावर टीम के सदस्य थे जिसे जम्मू कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर कारवाई करने का कार्य दिया गया था. उन्होनें हमले से पहले  की गई गुप्त रेकी के दौरान महत्वपूर्ण सूचना एकत्र की और मिशन योजना को सुगम बनाया. हमले को दौरान वो उस दल को कमांडर थे जिन्हें सहयोगी गोलीबारी करने और आतंकवादी ठिकाने से अलग हो जाने को बाद टीम को निकालने में मदद करने का कार्य दिया गया था.'

रक्षा मंत्रालय के सूत्रो के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक की टीम के बाकी सदस्यों को अगले महीने होने वाले अलंकरण समारोह के दूसरे हिस्से में वीरता मेडल से नवाजा गया है. हर साल ये समारोह दो बार होता है.

उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले को बाद सेना ने 29 सितंबर को पीओके में घुसकर पाकिस्तानी सेना की मदद से चलाए जा रहे आतंकियों के लांचिग-पैड्स को स्पेशल फोर्स के कमांडोज़ ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तबाह कर दिया था. इस हमले में शामिल डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा (कुल 19) सेना के अधिकारियों और जवानों को सरकार ने वीरता मेडल से नवाजा है.

अलंकरण समारोह में पठानकोट हमले, जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व राज्यों में आतंकियों का सफाया करने वाले शूरवीरों को भी वीरता मेडल से नवाजा गया. इसके अलावा सेना की पू्र्वी कमान के मुखिया, लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बख्शी सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को परम विशिष्ठ सेवा मेडल (पीवीएसएम) और अति विशिष्ठ सेवा मेडल (एवीएसएम) से अलंकृत किया गया.

Friday, March 17, 2017

हथियारों के सबसे बड़े आयातक का 'टैग' हटाना चाहती है मोदी सरकार


रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश पर लगे सबसे बड़े हथियारों के आयातक के 'टैग' से सरकार खुश नहीं हैं. इसलिए मोदी सरकार चाहती हैं कि भारत का सबसे बड़ा आयातक देश रशिया हमारे देश में ही स्पेयर-पार्टस बनाने का काम करें.

रक्षा और वित्त मंत्री अरुण जेटली आज भारत-रशिया मिलेट्री इंडिस्ट्रियल कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह में राजधानी दिल्ली में बोल रहे थे. जेटली के मुताबिक, रशिया भारत का सबसे बड़ा स्ट्रेटेजिक-पार्टनर है और सबसे ज्यादा हथियार और सैन्य साजों-सामान भारत को रशिया से ही मिलता है. इसलिए वे चाहते हैं कि रशियन कंपनियां प्रधानमंत्री के मेक इंन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इन मिलेट्री-प्लेटफार्म्स के स्पेयर-पार्ट्स भारत में ही बनाने का काम करें. रक्षा मंत्री के मुताबिक, इससे भारत पर लगा सबसे बड़े आयातक का 'लेबल' तो हट ही जायेगा साथ ही सेनाओं को समय से स्पेयर पार्ट्स भी मिल सकेंगे.

भारत ने पहली बार किसी देश के साथ इस तरह का मिलेट्री इंडिस्ट्रियल सम्मेलन आयोजित किया है. ये साल भारत और रशिया के कूटनीतिक संबंधों का 70वां साल भी है. जेटली के मुताबिक, रशिया भारत का मुसीबत के समय का सामरिक-साथी (स्ट्रेटेजिक-पार्टनर’) है.

इस मौके पर बोलते हुए रशिया के ट्रैड और इंडस्ट्री मंत्री डेनिस मैंन्ट्यूरोव ने कहा कि रशिया भारत का भरोसेमंद और एकलौता ऐसा देश है जो भारत को तकनीक भी साझा करता है. उन्होनें कहा कि भविष्य में भी रशिया भारत को साजों-सामान देता रहेगा.

भारतीय सेनाओं को रशिया से सबसे ज्यादा हथियार और मिलेट्री-प्लेटफार्म्स मिलते हैं. इनमें नौसेना की पनडुब्बी (परमाणु भी), युद्धपोत, एयरक्राफ्ट कैरियर, मिग लड़ाकू विमानों से लेकर टैंक शामिल हैं. इसके अलावा भारत और रशिया मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल और सुखोई लड़ाकू विमान भी मिलकर बनाते हैं.

दो दिन के सैन्य-सम्मलेन के दौरान आज एचएएल और रशियान कंपनियों के बीच सुखोई विमानों के स्पेयर पार्ट्स को लेकर पांच साल का करार हुआ.