Tuesday, December 6, 2016

चीन की तर्ज पर हटेगा दिल्ली एयरपोर्ट से घना कोहरा

दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण विमानों की आवाजाही में होने वाली समस्या जल्द दूर हो सकती है. दिल्ली एयरपोर्ट और मौसम विभाग एक साथ मिलकर ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिससे एयरपोर्ट पर कोहरे की चादर को को हटा जा सकेगा और ज्यादा से ज्यादा विमान उड़ान भर सकेंगे. ये ठीक वैसा ही प्लान है जैसाकि चीन ने कुछ साल पहले किया था.

सर्दी के मौसम में दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण हर साल विमानों की उड़ान पर खासा असर पड़ता है. जिसके चलते हजारों यात्रियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. इसी चुनौती को दूर करने के लिए ये प्रयोग किया जा रहा है. दिल्ली एयरपोर्ट को संचालित करने वाली कंपनी, जीएमआर के सीईओ ने आज ये जानकारी दी. 

घने कोहरे के दौरान यात्रियों को कम से कम परेशानी हो, उसपर आज मीडिया से बातचीत करते हुए जीएमआर कंपनी के सीईओ, आई प्रभाकर राव ने कहा कि "मौसम विभाग घने कोहरे के कणों ('पार्टिकल्स') की स्टडी कर रहा है ताकि उन्हें हवा से हटाया जा सके." प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद मौसम विभाग के एक वैज्ञानिक ने बताया कि "ये प्रयोग चीन की तरह ही है."

दरअसल, वर्ष 2009 में चीन की राजधानी बीजिंग में कम्युनिस्ट शासन के 60 साल पूरे होने के मौके पर शानदार परेड होने वाली थी. लेकिन इस दौरान घना कोहरा छाया हुआ था. माना जाता है कि चीन के वैज्ञानिकों ने उस दौरान आसमान में मिसाइल दागकर कृत्रिम बारिश कर दी और घना कोहरा दूर हो गया था. यही तकनीक माना जा रहा है कि भारत के मौसम वैज्ञानिक इस्तेमाल करने जा रहे हैं.

आई प्रभाकर राव के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर 50 मीटर की विज़ीबिलेटी में भी विमान लैंड कर सकते हैं. लेकिन टेक-ऑफ के लिए कम से कम 125 मीटर की विजीबिलेटी होने चाहिए. उन्होने बताया कि एयरपोर्ट पर सीडीएम-सैल (कोलेब्रेटिव डिशीजन मेकिंग-प्रकोष्ठ) तैयार किया गया है. इस सेल में एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी (जीएमआर), एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) और मौसम विभाग सहित एयरलांइस कंपनियां शामिल हैं.

सीडीएम के जरिए कोहरे से जुड़ी सही जानकारी और फ्लाइट ऑपरेशन्स की डिटेल एक समय में सभी को एक साथ मिल जाती है. इससे एयरलाइंस कंपनियां यात्रियों को सही जानकारी सही समय में बताने में कारगर हैं (और यात्रियों को सही जानकारी मिलने से परेशानी कम हो सकेगी).

जानकारी के मुताबिक, हर साल नबम्बर से लेकर फरवरी तक करीब 20 दिन ऐसे होते हैं जब राजधानी दिल्ली में घना कोहरा होता है. इस दौरान करीब 100 घंटों तक फ्लाइट्स की आवाजाही पर काफी असर पड़ता है. अगर मौसम विभाग का (चीन की तरह) प्रयोग सफल रहा तो ये परेशानी 20 घंटे तक रह जायेगी.

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