Tuesday, April 9, 2019

नौसेना प्रमुख की दौड़ में शामिल वायस एडमिरल ने ली‌ अपनी याचिका वापस


नौसेना के सबसे वरिष्ट कमांडर, वायस एडमिरल बिमल वर्मा ने सरकार के खिलाफ दायर अपनी अपील वापस ले ली है. देश की अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ बिमल वर्मा ने आर्म्ड फोर्स ट्राइब्यूनल (एएफटी) में सरकार के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसमें उनकी वरिष्टता की अनदेखी करते हुए उनसे छह महीने जूनियर कमांडर कर्मबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख घोषित कर दिया गया था.

राजधानी दिल्ली में एएफटी की प्रिंसपल बेंच में आज जब उनका मामला सामने आया तो पीठ ने बिमल वर्मा के वकील से कहा कि उन्होनें सरकार के फैसले के खिलाफ 'सेटेच्यूरी रेमेडी' यानि वैधानिक अपील क्यों नहीं की है. एएफटी की प्रिंसपल-बेंच के चैयरपर्सन जस्टिस वीरेन्द्र सिंह और सदस्य‌ लेफ्टिनेंट जनरल संजीव चारचा ने बिमल वर्मा के वकील को सलाह दी कि वो सरकार के फैसले के खिलाफ ही सरकार से अपील कर सकते हैं और अगर उन्हें सरकार से न्याय नहीं मिलता है तब फिर कोर्ट (एएफटी) में केस दायर कर सकते हैं. आपको बता दें कि एएफटी में बिमल वर्मा को उनकी एडवोकेट बेटी, रिया वर्मा और उनके साथी वकील अंकुल छिब्बर लड़ रही थे.

इसके बाद बिमल वर्मा ने अपने वकील के माध्यम से अपनी अपील वापस ले ली.
एएफटी ने इसके बाद केस को खारिज कर दिया. एएफटी के फैसले के बाद रिया वर्मा ने एबीपी न्यूज को बताया कि वे जल्द ही रक्षा मंत्रालय से विमल वर्मा को 'सुपरसीड' करने के खिलाफ अपील करेंगी. आपको बता दें की नौसेना प्रमुख का पद देश की सबसे बड़ी संस्था, एपोइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनट (एसीसी) करती है जिसके अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री करते हैं. इस पद के चयन के लिए नौसेना और रक्षा मंत्रालय एसीसी को नौसेना के तीन सबसे बड़े कमांडर्स के नाम भेजते हैं और उसके बाद एसीसी नौसेना प्रमुख का चयन करती है. 

गौरतलब है कि 23 मार्च को केंद्र सरकार ने बिमल वर्मा को नजरअंदाज करते हुए नौसेना की पूर्वी कमान के सीएनसी, वायस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेनाध्यक्ष घोषित किया था.  करमबीर सिंह इस साल 31 मई को रिटायर हो रहे मौजूदा नौसेना प्रमुख एडमरिल सुनील लांबा की जगह देश की नौसेना की कमान संभालेंगे. करमबीर सिंह वायस एडमिरल बिमल वर्मा से छह महीने जूनियर हैं.

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