Thursday, May 9, 2019

महा'विराट' आरोप पर बढ़ा विवाद, पूर्व कमांडर ने मोदी के आरोपों का किया खंडन


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी और आईएनएस विराट के बेजा इस्तेमाल पर विवाद बढ़ गया है. अब आईएनएस विराट के कमांडर ने दावा किया है कि दिसम्बर 1987 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री होने के नाते आधिकारिक तौर पर नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर पर आए थे, ना कि छुट्टी मनाने के लिए. लेखक से फोन पर बातचीत में विराट के तत्कालीन सीओ (कमांडिंग ऑफिसर) विनोद पशरीचा ने कहा कि एयरक्राफ्ट कैरियर का इस्तेमाल पीएम और उनकी पत्नी (सोनिया गांधी को) लक्षद्वीप ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. 

दरअसल, बुधवार की शाम को राजधानी दिल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने नौसेना के विमान-वाहक यु्द्धपोत, आईएनएस विराट को छुट्टियां मनाने के लिए 'निजी-टैक्सी' की तरह इस्तेमाल किया था. साथ ही आरोप लगाया था कि छुट्टी मनाने के दौरान राजीव गांधी के साथ उनके इटली के रिश्तेदार भी शामिल थे. 

लेकिन विनोद पशरीचा ने साफ तौर से कहा कि राजीव गांधी लक्षद्वीप एक आधिकारिक मीटिंग के लिए गए थे. इसी लिए आईएनएस विराट से उन्हें वहां ले जाया गया था. उनके साथ उनकी पत्नी सोनिया गांधी भी थीं. ये मीटिंग आईलैंड्स के समूह से जुड़ी थी. पशरीचा ने कहा कि विराट पर कोई पार्टी नहीं हुई थी, जैसाकि इनदिनों आरोप लगाया जा रहा है. उन्होनें ये भी कहा कि इस दौरान कोई भी विदेशी नागरिक विराट पर नहीं आया था. ना ही अमिताभ बच्चन ही विराट पर आए थे. 

आईएनएस विराट, नौसेना का विमान-वाहक युद्धपोत था जो 30 साल देश की सेवा करने के बाद 2017 में रिटायर हो गया था। 

दरअसल, पीएम मोदी के आरोपों के बाद 1988 के इंडिया टुडे मैगजीन का एक लेख भी सामने आया है जिसमें ये लिखा हुआ है कि लक्षद्वीप में छुट्टी मनाने के दौरान राजीव गांधी के साथ उनकी पत्नी सोनिया गांधी और बच्चे तो थे ही साथ में इटली के रिश्तेदार सहित अमिताभ बच्चन का परिवार भी था. लेख का दावा है कि इस दौरान आईएनएस विराट वहां तैनात रहा था. हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि क्या वाकई नौसेना ने उस वक्त आधिकारिक तौर पर इस लेख का खंडन किया था. गौरतलब है कि कि वायस एडमिरल पशरीचा (जिन्हें नौसेना में 'पाशा' के नाम से जाना जाता है) बाद में मुंबई‌ स्थित नौसेना की पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ यानि सीेएनसी बनकर रिटायर हुए थे.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री और उनका परिवार किसी भी युद्धपोत भी सवार हो सकता है. नौसेना से जुड़े सूत्रों ने एबीपी न्यूज से कहा कि किसी भी युद्धपोत के लिए ये बेहद ही गर्व की बात होती है कि कोेई पीएम उसपर सवार हो. क्योंकि 1987 में लक्षद्वीप में कोई लैंडिंग स्ट्रीप नहीं थी (जहां कोई जहाज उतारा जा सके) इसलिए पीएम और उनकी पत्नी को केरल की राजधानी त्रिवेन्द्रम से नौैसेना के एक हेलीकॉप्टर ने पिक किया था.  वहां से हेलीकॉप्टर विराट के डेक पर पहुंचा और फिर लक्षदीप गए थे. 

राजीव गांधी की इस यात्रा का जिक्र नौसेना की विराट पर जारी की गई कॉफी-टेबल बुक में भी हैं. इस बुक की एक तस्वीर में पशरीचा राजीव गांधी और उस वक्त के नौसेना प्रमुख, आर एच टहिलायनी दिख रहे हैं. बुक में राजीव गांधी एक युद्धभ्यास का जिक्र करते हैं और हस्ताक्षर करते हैं विजिटर बुक पर. साथ में विराट पर उनके मेजबानी की बात भी लिखी है. 

इस बीच पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर पीएम मोदी के बयान का खंडन किया है. रामदास के मुताबिक, उस वक्त वे कोच्चि स्थित नौसेना की दक्षिणी कमान के कमांडर इन चीफ (सीएनसी) थे और जिस राजीव गांधी के दौरे के वक्त विराट पर मौजूद थे. इसके प्रेस स्टटेमेंट को उन्होनें पशरीचा, एडमिरल अरूण प्रकाश और वायस एडमिरल मदनजीत सिंह की तरफ से भी लिखा है. अरूण प्रकाश उस दौरान आईएनएस विंध्यागिरी के सीओ थे जबकि मदनजीत सिंह आईएनएस गंगा के सीओ थे. ये दोनों युद्धपोत विराट के साथ युद्धभ्यास में तैनात थे (जिसका जिक्र कॉफी टेबल बुक में भी है).

इस बीच विराट पर तैनात एक कमांडर (वी के जेटली) ने ट्वीटर
 पर आरोप लगाया है कि राजीव गांधी ने छुट्टिया मनाने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल किया था.

दरअसल, जो जानकारी सामने आई है‌‌ उसके मुताबिक अपनी आधिकारिक बैठक निपटाने के बाद राजीव गांधी और सोनिया गांधी लक्षद्वीप के बंगराम द्वीप छुट्टियां मनाने चले गए थे। वहां पर उन छुट्टियों को मनाने के लिए राहुल गांधी, इटली के रिश्तेदार और अमिताभ बच्चन का परिवार पहुंच गया था। 

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