Monday, May 27, 2019

करगिल के शहीद की‌ याद के जरिए वायुसेना की दुश्मन को कड़ी चेतावनी



करगिल युद्ध के ठीक बीस‌ साल बाद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस‌ धनोआ ने अपने साथी फाइटर पायलट्स के साथ आज पंजाब के भटिंडा एयरबेस पर फाइटर जेट उड़ाया। मौका था अपने साथी, स्कॉवड्रन लीडर अजय आहूजा की शहादत‌ को श्रद्धांजलि देने का। वही अजय‌ आहूजा जो करगिल युद्ध के दौरान अपने मिग21टाईप 96 उड़ाते वक्त पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हो गए थे। पाकिस्तान ने उनके फाइटर जेट को मार गिराया था और‌ अजय आहूजा की बड़े ही बेरहमी से हत्या कर दी थी। अजय आहूजा उस वक्त भटिंडा में ही तैनात थे और उनके कमांडिंग ऑफिसर थे मौजूदा एयरफोर्स चीफ बी एस‌ धनोआ। बी‌ एस‌ धनोआ ने पश्चिमी कमान के मुखिया, आर नांबियर के साथ मिसिंग-मैन फॉरमेशन में उसी मिग21 टाइप96 को उड़ाया जिसे अजय आहूजा उड़ाते थे।

मिसिंग-मैन फॉरमेशन में वायुसेना प्रमुख बी एस‌ धनोआ ने पहले चार फाइटर जेट्स के साथ उड़ाने भरी और फिर उनमें से एक कम यानि तीन में उड़ान भरी जो उनके साथी‌ अजय आहूजा का लड़ाकू विमान कम हो गया था।

भटिंडा एयरबेस पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। फिर वो करगिल युद्ध हो या फिर हाल ही में हुई बालाकोट एयर-स्ट्राइक। करगिल युद्ध के दौरान हजारो फीट उंचाई पर डेरा जमाए दुश्मन के बंकरों पर यही पर तैनात लड़ाकू विमानों से गोलाबारी की जाती थी, तो बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी एयरबेस पर भारतीय वायुसेना ने अपना कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया था।

बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भटिन्डा एयरबेस पर तैनात एवैक्स‌ यानि एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम विमान के जरिए पाकिस्तान की हर चाल पर नजर रखी गई थी।‌ एवैक्स विमान की इस स्कॉवड्रन को भगवान शिव के बेटे स्कंद के नाम पर रखा गया है जिन्हें 'युद्ध का स्वामी' कहा जाता है। क स्कंद के बारे में कहा जाता है कि उन्होनें देवताओं को राक्षसों के खिलाफ लड़ने के लिए इकट्ठा किया था। बालाकोट स्ट्राइक के दौरान एवैक्स विमान पाकिस्तानी सीमा के करीब आसमान से करीब 500 किलोमीटर के दायरे में नजर गड़ाए हुए था कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के मिराज-2000 फाइटर जेट्स के खिलाफ तो कोई लड़ाकू विमान तो नहीं उड़ा है। अगर ऐसा होता तो भारतीय वायुसेना को तुरंत अलर्ट कर दिया जाता।

ना केवल बालाकोट‌ एयर स्ट्राइक के दौरान बल्कि अगले दिन यानि 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने एलओसी के करीब भारतीय सेना की छावनियों और गोला-बारूद के स्टोर्स पर हमला करने की कोशिश की तो सबसे पहले इस स्टेशन ने भारत के सुखोई, मिराज और मिग-21बाइसन लड़ाकू विमानों को अलर्ट किया था। भारतीय‌ वायुसेना की जब पाकिस्तान से डॉग-फाइट हुई तो भटिन्डा एयरबेस से ही सुखोई और विंग कमांडर अभिनंदन के मिग-21बाईसन को दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे। यही वजह थी कि भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के एफ-16 स्थित हो या फिर चीन के जेएफ-17 लड़ाकू विमानों को खदेड़ने में कामयाब रही थी।

आपको बता दें कि भले ही भारतीय‌ वायुसेना ने सफलता पूर्वक बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया हो या फिर डॉग फाइट में पाकिस्तान कए एफ16 विमान को मार गिराया हो, लेकिन इस दौरान एक ऐसी घटना के बारे में ऐसी जानकारी पता चली है जिससे देश की सुरक्षा की चिंता बढ़ा दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 27 फरवरी को विंग कमांडर अभिनंदन जानबूझकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल नहीं हुए थे। दरअसल, उस‌ दौरान पाकिस्तान ने एलओसी पर इलेक्ट्रोनिक जैमर लगाए हुए थे जिससे भारतीय वायुसेना के सिग्नल्स को जाम किया जा सकता था। यही वजह है कि जब अभिनंदन एलओसी के करीब पहुंचे तो उन्हें सिग्नल मिलना बंद हो गए थे।‌

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विंग कमांडर अभिनंदन जब एलओसी के करीब पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों का पीछा कर रहे थे तो भटिन्डा एयरबेस ने उन्हें 'गो-कोल्ड' यानि वापस आने का निर्देश दिया था। लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी सीमा के करीब इलेक्ट्रोनिक-जैमर लगा रखे थे ताकि भारतीय वायुसेना के सिगन्लस को जाम कर दिया जाए। यही वजह है कि अभिनन्दन भटिन्डा एयरबेस‌ से दिए गए निर्देश को नहीं सुन पाए और पीओके में दाखिल हो गए।

सूत्रों के मुताबिक, चीन ने ही पाकिस्तान को इलेक्ट्रोनिक जैमर मुहैया कराए हैं जिससे किसी भी देश के लड़ाकू विमानों के सिगन्लस को कुछ किलोमीटर के दायरे में जाम किया जा सकता है। इससे फाइटर पायलट को कमांड एंड कंट्रोल से मिल रहे दिशा निर्देश नहीं मिल पाते हैं और उसे अपने ऑपरेशन करने में खासी दिक्कत आती है।

पहले जेफ-17 लड़ाकू विमान मुहैया कराना और फिर इलेक्ट्रोनिक जैमर देना, चीन लगातार पाकिस्तान को सैन्य-तौर से भारत के खिलाफ मजबूत करने में जुटा है। भारत को चीन और पाकिस्तान के इस सैन्य-गठजोड़ से जमकर मुकाबला करने की जरूरत है ताकि जरूरत पड़ने पर उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके‌।

लेकिन भारतीय की पश्चिमी वायु कमान के कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल आर नांबियार ने एबीपी न्यूज से साफ तौर से कहा कि  भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान के किसी भी सैन्य गठजोड़ के खिलाफ मुकाबला करने के लिए तैयार है।‌ आपको बता दें कि पश्चिमी वायुकमान चीन और पाकिस्तान दोनों की ही सीमा से सटी एक बड़ी एयर-स्पेस‌ की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है।

वायुसेना प्रमुख बी‌ एस धनोआ की मानें तो चिनूक, अपाचे और राफेल लड़ाकू विमानों के एयर फोर्स में शामिल होने से भारत को चीन और पाकिस्तान पर स्ट्रेटजिक-एैज यानि निर्णायक धार मिल जायेगी।

साफ है राफेल विमान भारत के लिए दुश्मन के खिलाफ गेम चेंजर साबित होगा। साथ ही हाल में सुखोई विमानों में ब्रह्मोस मिसाइल लगने से वायुसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ गई है। यानि आने वाले दिनों में भारतीय वायुसेना वाकई नई उंचाईयों को छूने जा रही है।

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