Friday, May 10, 2019

कराची से गलत दिशा में आ रहे विमान की भारत के फाइटर जेट्स ने कराई जयपुर में लैंडिंग

कराची से भारत की एयर-स्पेस में गलत दिशा से दाखिल होने के चलते जार्जिया के एक कार्गो प्लेन को भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमानों ने जयपुर एयकपोर्ट पर जबरदस्ती लैंडिंग कराई. ये एएन12 विमान जार्जिया की राजधानी तिल्बिसी से उड़कर कराची के रास्ते दिल्ली आ रहा था. देर जयपुर में इस विमान के पायलट और क्रू के दूसरे सदस्यों से वायुसेना और इंटेलीजेंस एजेंसियां कड़ी पूछताछ कर रहीं थीं.  


भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता, ग्रुप कैप्टन अनुपम बैनर्जी ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि दोपहर 3.15 बजे एक विमान ने उत्तरी गुजरात से भारत की हवाई-सीमा में दाखिल होने की कोशिश की. हालांकि इस विमान का आईएफएफ (यानि आईडिंटिफिकेशन, फ्रेंड ओर फो) चालू था लेकिन इसने निर्धारित एयर-ट्रैफिक रूट नहीं लिया था और भारत की एटीसी द्वारा की गई रेडियो-कॉल्स का भी जवाब नहीं दिया. क्योंकि मौजूदा जियो-पोलिटिकल परिस्थितियों (यानि बालाकोट एयर-स्ट्राइक और उसके बाद के भारत-पाकिस्तान संबंध)  के कारण ये रूट बंद था इसलिए जैसे ही इस विमान ने गलत रूट लिया, फौरन ही एयर डिफेंस को अलर्ट कर दिया गया और सुखोई लड़ाकू विमानों को स्क्रैमब्ल (SCRAMBLE) किया गया. 

जानकारी के मुताबिक, उस वक्त ये विमान करीब 27 हजार फीट की ऊंचाई पर था और पता चला कि एक एएल12 विमान है. इसके बाद ना तो इंटरनेशनल डिस्ट्रेस फ्रीकवंसी और ना ही विजयुल सिग्लन का इस विमान ने जवाब दिया. इसके बाद सुखोई विमानों ने इसे गिराने की चेतावनी दी, तब जाकर पायलट्स ने जवाब दिया और बताया कि विमान तिब्लसी (जार्जिया की राजधानी) से दिल्ली आ रहा था कराची के रास्ते. 

इसके बाद इस विमान को जयपुर मे जांच पड़ताल के लिए जयपुर ले जाया गया जहां पर इसके पायलट्स से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में पता करने की कोशिश की जा रही है कि आखिर प्लेन डेवियेट क्यों हुआ. ये विमान किन कारणों से दिल्ली आ रहा था और क्या इसमें कोई सामान था. 

सूत्रों के मुताबिक, ये एएन12 विमान यूक्रेन की एक एयरलाइंस कंपनी का है जो कार्गो की नॉन-शेडूय्लूड सर्विस देती है. यानि की घंटे या फिर किलोमीटर के हिसाब से अपने इन विमानों को किराये पर देती है. यूक्रेन की ये कंपनी एयरक्राफ्ट के इंजन भी बनाती है. 

आपको बता दें कि ये एएन12 विमान पूर्व सोवियत संघ में बनाए गए थे जिन्हें आज भी कई देश इस्तेमाल कर रहे हैं. भारतीय वायुसेना भी एक समय में इन एएन12 विमानों का इस्तेमाल करती थी. लेकिन 90 के दशक मे ये रिटायर हो गए थे. आजकल भारतीय वायुसेना एएन32 विमान ओपरेट करती है. 

आपको बता दें कि बालाकोट एयर-स्ट्राइक के बाद और उसके बाद उपजे हालात के बाद से ही भारतीय वायुसेना बेहद अलर्ट है. पाकिस्तान की तरफ से आनी वाली सभी फ्लाईट्स को भी दक्षिण भारत के रास्ते से ही भारत की एयर स्पेस में दाखिल होने की इजाजत है. ऐसा ना करने पर भारतीय वायुसेना आदेश ना मानने वाले विमान के खिलाफ जरूरी कारवाई कर सकती है. पाकिस्तान ने भी बालाकोट हमले के दो महीने बाद तक भी अपनी एयर-स्पेस को पूरी तरह से नो फ्लाईंग जोन घोषित कर रखा था. 

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